गॉडफ्रे फिलिप्स की मार्लबोरो ने ITC के सिगरेट बाजार में मचाई हलचल

नई दिल्ली। भारतीय सिगरेट बाजार, जिस पर दशकों से आईटीसी (ITC) का एकछत्र राज रहा है, अब एक बड़े बदलाव का गवाह बन रहा है। गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया (Godfrey Phillips India) अपने मार्लबोरो (Marlboro) ब्रांड के आक्रामक विस्तार के साथ आईटीसी के प्रभुत्व को कड़ी चुनौती दे रहा है, खासकर युवा और आकांक्षी उपभोक्ताओं के बीच। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा का असर दोनों कंपनियों के शेयर बाजार प्रदर्शन पर साफ दिख रहा है।
शेयर बाजार का बदलता रुख
कभी निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित दांव माने जाने वाले आईटीसी के शेयरधारकों को अब निराशा हाथ लग रही है। इस साल आईटीसी के शेयर की कीमत में 12% की गिरावट आई है, जबकि इसी अवधि में गॉडफ्रे फिलिप्स के शेयर दोगुने हो गए हैं। पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन को देखें तो गॉडफ्रे फिलिप्स ने अपने निवेशकों को 9 गुना का शानदार रिटर्न दिया है, वहीं आईटीसी का प्रदर्शन निफ्टी की तुलना में भी कमजोर रहा है। यह बाजार में बदलते समीकरण का स्पष्ट संकेत है, जहाँ निवेशक अब गॉडफ्रे फिलिप्स पर अधिक भरोसा जता रहे हैं।
बाजार हिस्सेदारी की जंग
हालांकि, वॉल्यूम के हिसाब से आईटीसी अभी भी 75% से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी कंपनी है, लेकिन उसकी पकड़ तेजी से कमजोर हो रही है। गॉडफ्रे फिलिप्स का मार्लबोरो ब्रांड, जो दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सिगरेट ब्रांडों में से एक है, युवा पीढ़ी को आकर्षित करने में सफल रहा है। नोमुरा के विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में इस पर प्रकाश डाला है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में आईटीसी के वॉल्यूम में सालाना 6.5% की वृद्धि हुई, जबकि इसी दौरान गॉडफ्रे फिलिप्स के वॉल्यूम में 27% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़ा आईटीसी के लिए बाजार हिस्सेदारी खोने और बढ़ती प्रतिस्पर्धा की ओर इशारा करता है।
मार्लबोरो का ‘गेम-चेंजर’ प्रभाव
गॉडफ्रे फिलिप्स की इस असाधारण सफलता के पीछे फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल के साथ हुआ विशेष समझौता है, जिसके तहत वह भारत में मार्लबोरो ब्रांड का निर्माण और वितरण करती है। यह साझेदारी कंपनी के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ साबित हुई है। जेफरीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022 से 2025 के बीच गॉडफ्रे फिलिप्स के राजस्व और EBIT में 22% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखी गई, जबकि आईटीसी की वृद्धि दर केवल 8% रही। एमके ग्लोबल के नितिन गुप्ता का कहना है कि गॉडफ्रे फिलिप्स नए ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने में कामयाब रहा है, जिससे वित्तीय वर्ष 2020-25 के दौरान कंपनी ने 12% की वॉल्यूम वृद्धि हासिल की, जबकि आईटीसी केवल 5% पर सिमट गई।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड, जो 1936 में स्थापित एक मिड-कैप तंबाकू कंपनी है, का बाजार पूंजीकरण ₹52,667.24 करोड़ है। 30 जून, 2025 को समाप्त हुई तिमाही के लिए कंपनी ने ₹1562.91 करोड़ की समेकित बिक्री दर्ज की। यह पिछली तिमाही के ₹1651.04 करोड़ से 5.34% कम है, लेकिन पिछले साल की इसी तिमाही के ₹1215.84 करोड़ की तुलना में 28.55% अधिक है। कंपनी ने इस नवीनतम तिमाही में कर के बाद ₹291.58 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है, जो उसके मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है।