आलोक इंडस्ट्रीज के शेयर में मामूली बढ़त, तिमाही परिणामों में गिरावट

आलोक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों में 6 जून को हल्की बढ़त देखी गई। कंपनी का शेयर 0.02 रुपये या 0.11% की वृद्धि के साथ 19.46 रुपये पर बंद हुआ। कारोबारी दिन में यह 19.63 रुपये के उच्चतम और 19.22 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा। ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 24.85 लाख शेयरों का रहा।

कंपनी की मौजूदा बाजार पूंजी 9,647.46 करोड़ रुपये है, जिससे यह एक स्मॉल-कैप टेक्सटाइल कंपनी के रूप में जानी जाती है। आलोक इंडस्ट्रीज की स्थापना वर्ष 1993 में हुई थी और यह मुख्य रूप से वस्त्र निर्माण और उससे जुड़े उत्पादों के क्षेत्र में कार्यरत है।

तिमाही नतीजों में सालाना आधार पर गिरावट

वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही, जो 31 मार्च 2025 को समाप्त हुई, उसके नतीजों में कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं। इस तिमाही में कंपनी की संगठित बिक्री 1,038.09 करोड़ रुपये रही, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 19.23% की बढ़त है, जब यह आंकड़ा 870.63 करोड़ रुपये था।

हालांकि, साल-दर-साल तुलना करें तो यह बिक्री पिछली वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 29.73% कम रही, जब कंपनी की आय 1,477.20 करोड़ रुपये थी। इसका अर्थ है कि कंपनी को पिछले वर्ष की तुलना में मांग में कमी या बाजार स्थितियों में बदलाव का सामना करना पड़ा।

घाटे में रहा नेट प्रॉफिट

ताजा तिमाही में कंपनी को कर पश्चात शुद्ध घाटा हुआ है। आलोक इंडस्ट्रीज ने इस अवधि में 74.24 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

वित्तीय संकेतक

कंपनी का पी/ई अनुपात -11.82 है, जो बताता है कि कंपनी इस समय घाटे में चल रही है। पी/बी अनुपात -0.36 पर है, जबकि कंपनी की प्रति शेयर आय (ईपीएस) -1.64 रुपये है। शेयर का बीटा 0.2605 है, जिससे यह संकेत मिलता है कि शेयर बाजार में कम अस्थिरता के साथ ट्रेड करता है।

इसके अलावा, पिछले 52 हफ्तों में कंपनी के शेयर का उच्चतम स्तर 30.00 रुपये रहा है, जबकि न्यूनतम स्तर 14.01 रुपये रहा।

निष्कर्ष

हालांकि कंपनी की तिमाही बिक्री में पिछली तिमाही की तुलना में सुधार देखने को मिला है, लेकिन सालाना आधार पर गिरावट और भारी घाटा कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर सवाल खड़े करता है। निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे कंपनी की आगामी रणनीतियों और बाजार में इसके प्रदर्शन पर नज़र बनाए रखें। टेक्सटाइल सेक्टर की समग्र स्थिति और उपभोक्ता मांग में बदलाव भी आने वाले समय में इसकी दिशा तय करेंगे।