नई रोमांटिक-कॉमेडी ‘लिटिल हार्ट्स’ सिनेमाघरों में रिलीज़: जानें कैसी है फिल्म और क्या कहते हैं इसके हीरो

आज, 5 सितंबर 2025 को, युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म ‘लिटिल हार्ट्स’ सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। इस फिल्म से यूट्यूबर मौली तनुज प्रशांत मुख्य अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत कर रहे हैं, और उनके साथ शिवानी नागराम मुख्य भूमिका में हैं। साई मार्तंड के निर्देशन में बनी यह फिल्म दर्शकों के लिए क्या नया लेकर आई है, आइए जानते हैं।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी नल्ली अखिल कुमार (मौली) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पढ़ाई में बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। उसके पिता, नल्ली गोपाल राव (राजीव कनकला), उसे एक इंजीनियर बनाने का सपना देखते हैं। EAMCET परीक्षा में खराब रैंक आने के बाद, अखिल को एक कोचिंग सेंटर में दाखिला लेना पड़ता है। वहाँ उसकी मुलाकात बायपीसी (BiPC) स्ट्रीम की छात्रा कात्यायनी (शिवानी नागराम) से होती है, जो खुद भी पढ़ाई में संघर्ष कर रही है। धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार हो जाता है, लेकिन ठीक जब अखिल अपने प्यार का इज़हार करने वाला होता है, तो उसके सामने एक ऐसा सच आता है जो उसे हिलाकर रख देता है। उसे क्या पता चलता है? यह सच्चाई उसके रिश्ते पर क्या असर डालती है? और क्या उनका प्यार परिवार और व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना कर पाएगा? यही इस फिल्म की कहानी है।
कलाकारों का प्रदर्शन और फिल्म की खूबियाँ
मौली तनुज ने अपने YouTube वाले सहज अंदाज़ को पर्दे पर बखूबी उतारा है। उनकी कॉमेडी बनावटी नहीं लगती, टाइमिंग बेहतरीन है और उनके मासूम हाव-भाव उन्हें दर्शकों से आसानी से जोड़ते हैं। उन्होंने एक बड़े हीरो की तरह अभिनय करने की कोशिश नहीं की, और यही बात उनके पक्ष में काम करती है। शिवानी नागराम की स्क्रीन पर मौजूदगी काफी सुखद है और मौली के साथ उनकी जोड़ी स्वाभाविक लगती है।
फिल्म के सहायक कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है। जय कृष्ण ऊर्जा से भरपूर हैं, राजीव कनकला अपने दृश्यों में गंभीरता लाते हैं और निखिल अब्बुरी भी अपनी भूमिका में जंचते हैं। इन सभी की वजह से फिल्म में हास्य का स्तर बना रहता है। कुछ दृश्य, खासकर जहाँ अखिल, कात्यायनी को प्रभावित करने की कोशिश करता है, वाकई मज़ेदार हैं।
फिल्म की कमजोरियाँ
फिल्म की कहानी जानी-पहचानी और सीधी-सादी लगती है, हालांकि कॉमेडी के दृश्य ज्यादातर समय आपको यह बात भुलाए रखते हैं। राजीव कनकला और जय कृष्ण जैसे सहायक कलाकारों का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता था। ट्विस्ट के बाद फिल्म की गति थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन कॉमेडी उसे संभाल लेती है। हालांकि, फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत जल्दबाजी में खत्म कर दिया गया है, जो थोड़ा खटकता है। यह फिल्म मुख्य रूप से कॉलेज जाने वाले युवाओं को लक्षित करती है और उन्हें यह पसंद आएगी, लेकिन गहराई की तलाश करने वाले दर्शकों को यह हल्की लग सकती है।
तकनीकी पहलू और अंतिम फैसला
निर्देशक के तौर पर साई मार्तंड ने कॉमेडी दृश्यों को अच्छे से संभाला है, लेकिन कहानी थोड़ी कमजोर रह गई। सूर्या बालाजी की सिनेमैटोग्राफी साफ-सुथरी है और सिंजित येर्रामिल्ली का संगीत फिल्म के मूड को सेट करता है। कुल मिलाकर, ‘लिटिल हार्ट्स’ एक टाइमपास रोमांटिक-कॉमेडी है जो शुरू से अंत तक हंसाती है। मौली, शिवानी और जय कृष्ण की तिकड़ी फिल्म को जीवंत बनाए रखती है, लेकिन कमजोर कहानी और जल्दबाजी में खत्म किया गया क्लाइमेक्स इसे एक यादगार फिल्म बनने से रोकता है। यह फिल्म युवा दर्शकों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
रेटिंग: 3/5
हीरो मौली तनुज ने फिल्म के बारे में क्या कहा?
’90s मिडिल क्लास बायोपिक’ से प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता मौली तनुज ने अपनी नई फिल्म ‘लिटिल हार्ट्स’ के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि यह फिल्म सिर्फ युवाओं के लिए नहीं, बल्कि 6 से 60 साल तक के हर उम्र के दर्शकों के लिए है। मौली ने अपने करियर और इस फिल्म से जुड़ी कई अहम बातें साझा कीं।
लेखक-निर्देशक बनने का था सपना
मौली ने खुलासा किया कि वह इंडस्ट्री में एक लेखक और निर्देशक बनने का सपना लेकर आए थे। उन्होंने एडिटिंग सीखी, शॉर्ट फिल्में बनाईं और सोशल मीडिया के ज़रिए उन्हें प्रमोट किया। इसी सफ़र में उन्हें अभिनय का मौका मिला और ’90s मिडिल क्लास बायोपिक’ से उन्हें पहचान मिली। उनके परिवार को शुरू में उनके फिल्मी करियर पर संदेह था, लेकिन इस फिल्म की सफलता के बाद उन्हें यकीन हो गया।
‘लिटिल हार्ट्स’ सबके लिए है
मौली का मानना है कि ‘लिटिल हार्ट्स’ की कहानी बड़े पर्दे के लिए एकदम सही है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक यूथ-सेंट्रिक फिल्म नहीं है, बल्कि यह हर वर्ग के दर्शकों से जुड़ती है।” उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म के प्रचार पर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से काम किया ताकि दर्शकों तक सही संदेश पहुँचे। उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में मज़ाक में कहा कि निर्देशक साई मार्तंड द्वारा बनाई गई “बिरयानी पर धनिया छिड़कने” जैसा उनका योगदान न्यूनतम था। वह ऐसी फिल्में करना चाहते हैं जिन्हें परिवार के साथ आराम से देखा जा सके।
भविष्य की योजनाएं
भविष्य के बारे में बात करते हुए मौली ने कहा कि वह अच्छी फिल्मों में अभिनय करना चाहते हैं, लेकिन उनका असली सपना एक दिन लेखक और निर्देशक बनने का है, जिस पर वह काम भी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सह-कलाकार शिवानी नागराम और संगीत निर्देशक सिंजित येर्रामिल्ली की भी तारीफ की और कहा कि फिल्म के गाने इसकी एक बड़ी खासियत हैं। ‘लिटिल हार्ट्स’ के प्रीमियर से मिले सकारात्मक रिस्पॉन्स को देखते हुए, मौली फिल्म की सफलता को लेकर काफी आश्वस्त हैं।