क्या ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ के साथ टॉम क्रूज़ का आखिरी मिशन शुरू हो गया है?

टॉम क्रूज़ की बहुचर्चित ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ फिल्म श्रृंखला अब अपने अंतिम अध्याय की ओर बढ़ रही है। माना जा रहा है कि The Final Reckoning इस ब्लॉकबस्टर फ्रेंचाइज़ी की आखिरी कड़ी होगी — हालांकि, यह बात उतनी ही अविश्वसनीय लगती है जितनी कि उन खतरनाक स्टंट्स को देखना, जो क्रूज़ के किरदार ईथन हंट ने पिछले लगभग तीस वर्षों में सात फिल्मों में किए हैं।

Dead Reckoning (2023) का यह समापन भाग ईथन को एक रहस्यमयी खतरे से भिड़ते हुए दिखाता है — एक अत्यधिक खतरनाक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम, जिसे “एंटिटी” कहा गया है। इस बार की कहानी में मुख्य खलनायक गेब्रियल (इसाई मोरालेस) है, जो ईथन के अतीत से जुड़ा है और उसकी प्रेमिका की मौत से भी उसका संबंध है।

इस फिल्म की कास्ट में विंग रेम्स शामिल हैं, जो अब तक की सभी Mission: Impossible फिल्मों में दिखाई दिए हैं। उनके साथ साइमन पेग (जो तीसरी फिल्म से इस फ्रेंचाइज़ी में जुड़े), एंजेला बैसेट, हेनरी ज़रनी, हेली एटवेल, वनेसा किर्बी और पोम क्लेमेंटिएफ़ जैसे कलाकार भी हैं।

भारत में The Final Reckoning 17 मई को रिलीज़ होगी — अमेरिका से छह दिन पहले। यह फिल्म जापान में पहले ही रिलीज हो चुकी है और फिलहाल चल रहे कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी इसे प्रदर्शित किया गया है।

हालांकि फिल्म का शीर्षक और प्रचार इसके अंत की ओर इशारा करता है, फिर भी संभावना बनी हुई है कि फ्रेंचाइज़ी किसी न किसी रूप में आगे बढ़ सकती है। लेकिन यह बात भी सच है कि टॉम क्रूज़ की उम्र अब उनके साथ नहीं है, चाहे वह कितने ही फिट क्यों न हों।

1962 में जन्मे क्रूज़ (जो ईथन हंट से दो साल बड़े हैं) ने Mission: Impossible फिल्मों के लिए अपने शरीर को चरम सीमाओं तक धकेला है। उन्होंने खुद ही कई खतरनाक स्टंट किए हैं — जैसे उड़ान भरते हुए प्लेन पर छलांग लगाना या बाइक से चट्टान से कूदना।

स्टंट्स को असली जैसा दिखाने की क्रूज़ की खासियत इस फ्रेंचाइज़ी की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण रही है। 1996 में आई पहली फिल्म से लेकर अब तक हर नई कड़ी में एक्शन सीक्वेंस ज़्यादा जटिल, स्टंट्स ज़्यादा जानलेवा और खतरे की भावना ज़्यादा प्रबल होती गई है।

इस श्रृंखला की एक खासियत उसका लगातार विस्तार रहा है। बढ़ते बजट, तकनीकी उन्नति और बेहतरीन विज़ुअल इफेक्ट्स की बदौलत हर अगली फिल्म पिछली से कहीं ज़्यादा भव्य और कल्पनाशील रही है। ये फिल्में राजनीतिक दृष्टिकोण से तटस्थ रहती हैं — ये किसी एक विशेष भू-राजनीतिक मुद्दे पर ध्यान नहीं देतीं, बल्कि परमाणु हथियारों, जैविक युद्ध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक वैश्विक भय को दर्शाती हैं।

गौरतलब है कि फिल्मों से पहले ‘Mission: Impossible’ एक टेलीविज़न शो के रूप में शुरू हुआ था। इसे ब्रूस गेलर ने बनाया था और यह 1966 से 1973 तक सात सीज़न चला था। 1988 में इसका एक रिवाइवल भी आया।

अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या The Final Reckoning वाकई आखिरी अध्याय साबित होता है, या ईथन हंट के मिशन अब भी जारी रहेंगे।