सोना $4,000 से नीचे फिसला, चांदी में भी नरमी; मुनाफावसूली का दबाव

लगातार तेजी के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली करने से सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई। भू-राजनीतिक तनाव में कमी आने और डॉलर के मजबूत होने से कीमती धातुओं पर दबाव बढ़ा। इस गिरावट का असर भारतीय बाजार में स्वर्ण-ऋण देने वाली कंपनियों के शेयरों पर भी देखने को मिला।

सोने की कीमतों में गिरावट

न्यूयॉर्क में स्पॉट गोल्ड का भाव 1.6% गिरकर $3,976.65 प्रति औंस पर आ गया, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 2.4% की गिरावट के साथ $3,972.6 पर बंद हुआ। यह गिरावट इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते की खबर के बाद आई, जिससे निवेशकों ने अपना मुनाफा सुरक्षित करना बेहतर समझा। एक स्वतंत्र धातु व्यापारी, ताई वोंग ने रॉयटर्स को बताया, “गाजा में युद्धविराम लागू होने से सट्टेबाज सोने से अपना कुछ पैसा निकाल रहे हैं, क्योंकि इससे ऐतिहासिक रूप से अस्थिर क्षेत्र में तनाव कम हो गया है।”

तकनीकी संकेतक भी यह दर्शा रहे थे कि सोना पिछले एक महीने से ‘ओवरबॉट’ क्षेत्र में कारोबार कर रहा था, यानी इसकी कीमत बहुत तेजी से बढ़ी थी। इस वजह से चार दिनों की शानदार तेजी के बाद इसमें सुधार की उम्मीद थी। सोने की बिकवाली अमेरिकी शेयर बाजारों में गुरुवार को आई कमजोरी के साथ हुई। हालांकि सोने को पारंपरिक रूप से शेयरों जैसे जोखिम भरे निवेशों के खिलाफ एक बचाव के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब बाजार में चौतरफा बिकवाली होती है तो निवेशक अक्सर अन्य बाजारों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपनी होल्डिंग्स बेच देते हैं।

चांदी में भी मुनाफावसूली

गुरुवार को चांदी का भाव $51.24 प्रति औंस को छूने के बाद नीचे आ गया, जो चार दशकों से भी अधिक समय में इसका उच्चतम स्तर था। हालांकि, बाद में स्पॉट सिल्वर का भाव 0.8% की बढ़त के साथ $49.29 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। इस साल चांदी की कीमतों में 70% से अधिक की जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसने सोने के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया है।

चांदी की कीमतें अक्सर सोने के साथ चलती हैं, लेकिन यह धातु खुदरा निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसमें उतार-चढ़ाव भी अधिक होता है। दोनों कीमती धातुओं में यह रैली अमेरिका में राजकोषीय जोखिम, शेयर बाजार के अत्यधिक ऊंचे स्तर पर होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर खतरों की आशंकाओं के कारण सुरक्षित निवेश विकल्पों की बढ़ती मांग का हिस्सा है।

भारतीय बाजार पर प्रभाव

सोने की कीमतों में आई गिरावट का असर भारत की गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा। 10 अक्टूबर को मुथूट फाइनेंस के शेयर 2.3% गिरकर 3,172.7 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जबकि मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर 3.3% की गिरावट के साथ 284.5 रुपये पर आ गए। हालांकि, पिछले छह महीनों में मणप्पुरम के शेयरों में 26% और मुथूट फाइनेंस में 57% की वृद्धि हुई है। सोने की कीमतों में इस साल लगभग 52% की बढ़ोतरी हुई है, जिसका मुख्य कारण भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा मजबूत खरीद, ईटीएफ में बढ़ता निवेश और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें रही हैं।

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