भारत की महिला क्रिकेट टीम की गहराई में बढ़ोतरी और सितारों की वापसी: इंग्लैंड में जीत के मायने

विश्व कप की तैयारी में अहम मौका

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास अपने घरेलू वनडे विश्व कप अभियान की शुरुआत से पहले सिर्फ दो सीरीज यानी कुल छह वनडे मैच हैं, जिनमें टीम संयोजन को मजबूत करने और कमियों को दूर करने का मौका मिलेगा। कई अनुभवी खिलाड़ियों की चोट के बाद वापसी भी टीम चयन को अंतिम समय तक प्रभावित कर सकती है। इंग्लैंड में खेले जा रहे मौजूदा सीरीज के पहले वनडे में भारत की जीत ने टीम की गहराई और विकल्पों की मजबूती को उजागर किया है।

क्रांति गौड़: नई गेंद की नई स्टार

रेनुका सिंह ठाकुर और पूजा वस्त्राकर के चोटिल होने के चलते भारत ने इंग्लैंड दौरे पर अपेक्षाकृत कम अनुभवी और कम आजमाए हुए तेज गेंदबाजों को मौका दिया। टीम प्रबंधन ने अरुंधति रेड्डी जैसे अनुभवी खिलाड़ी की जगह क्रांति गौड़ को अमनजोत कौर के साथ नई गेंद थमाई।

क्रांति ने मई में श्रीलंका में अपनी शुरुआत की थी, लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इंग्लैंड में भी उनका आगाज थोड़ा नर्वस रहा, लेकिन लाइन-लेंथ ठीक करने के बाद उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए एमी जोन्स को जल्दी आउट किया। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज टैमी ब्यूमोंट को भी एलबीडब्ल्यू कर टीम को पावरप्ले में शानदार शुरुआत दिलाई। यह वही जोड़ी थी जिसने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंग्लैंड को लगातार बड़ी शुरुआत दिलाई थी। लेकिन क्रांति ने अपने दूसरे ही वनडे में दोनों खिलाड़ियों को केवल छह रन पर आउट कर भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई।

स्नेह राणा: तीसरी बार की वापसी की कहानी

स्नेह राणा का टीम इंडिया में यह तीसरी वापसी है। उन्हें अभी तक टेस्ट स्पेशलिस्ट माना जाता था, लेकिन WPL 2025 में RCB के लिए खेलने के बाद उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट में भी दमदार वापसी की। इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में जब गेंन्दबाजों के शुरुआती झटकों के बाद नेट सिवर-ब्रंट और एम्मा लैम्ब भारत के लिए खतरा बनती दिख रही थीं, तब स्नेह ने अपनी गेंदबाजी से मैच की तस्वीर बदल दी।

राणा 17वें ओवर में गेंदबाजी के लिए आईं। अपनी सटीक गेंदबाजी से उन्होंने पहले एम्मा लैम्ब को फ्लाइटेड गेंद पर मिड-ऑफ में कैच कराया। अगले ही ओवर में जेमिमा रोड्रिग्ज ने शॉर्ट मिडविकेट पर शानदार कैच लेकर नेट सिवर-ब्रंट को भी आउट कर दिया। इस तरह भारत ने 11 गेंदों के भीतर दोनों सेट बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर इंग्लैंड की पारी को बांध दिया। हालांकि भारत फील्डिंग में चूकता नहीं तो इंग्लैंड का स्कोर 258 से काफी कम रह सकता था। बावजूद इसके, राणा की साझेदारी में विकेट निकालने की क्षमता ने उन्हें टीम के स्पिन अटैक का बेहद जरूरी हिस्सा बना दिया है।

दीप्ति शर्मा: हरफनमौला प्रदर्शन से जीत दिलाई

दीप्ति शर्मा ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक पारी खेली और इस बार साउथैम्पटन में नाबाद अर्धशतक के दम पर भारत को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त दिलाई।

2022 में इंग्लैंड में पिछली बार जब दोनों टीमें वनडे में भिड़ीं थीं, तब भी दीप्ति ने नाबाद अर्धशतक लगाया था और आखिरी गेंद पर चार्ली डीन को रनआउट कर भारत को 3-0 से सीरीज जिताई थी।

इस बार दीप्ति ने 64 गेंदों पर 62* रन की पारी खेली और जेमिमा रोड्रिग्ज के साथ पांचवें विकेट के लिए 90 रन की साझेदारी की, जिससे भारत ने 259 रनों का लक्ष्य चार विकेट शेष रहते हुए 10 गेंद पहले ही हासिल कर लिया। यह साझेदारी इंग्लैंड के सोफिया डंकली और एलिस डेविडसन-रिचर्ड्स की शतकीय भागीदारी पर भी भारी पड़ी।

दोनों टीमों ने विश्व कप की तैयारी के लिहाज से अपनी-अपनी कमजोरियां उजागर कीं। भारत ने फील्डिंग में मौके गंवाए और शुरुआत में रन बनाने में संघर्ष किया, जबकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी की शुरुआत कमजोर रही और वे भारत को रोकने के लिए जरूरी विकेट नहीं ले पाए।

शीर्षक्रम की चुनौती और मजबूत वापसी

भारत के शीर्ष बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन उसे बड़े स्कोर में बदल नहीं पाए। स्मृति मंधाना, जो टी20 सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी थीं, वे आठवें ओवर में 28 रन बनाकर आउट हो गईं। दूसरी ओर, ओपनर प्रतिका रावल ने 51 गेंदों में 36 रन बनाए, लेकिन 19वें ओवर में सोफी एक्लेस्टोन की गेंद पर बोल्ड हो गईं।

हरलीन देओल रन लेते समय क्रीज के बाहर थी और डेविडसन-रिचर्ड्स के डायरेक्ट हिट से रनआउट हो गईं, जिससे इंग्लैंड ने मैच में वापसी की कोशिश की। हालांकि इसके बाद जेमिमा और दीप्ति ने सूझबूझ के साथ खेलते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया।